आधे सर का दर्द (आधासीसी या माइग्रेन) : लक्षण और कारण
आधे सर के दर्द से जो पीड़ित है वही जान सकता है कि इसमें कितनी तकलीफ़ होती है। सर के किसी एक भाग में तेज़ दर्द के साथ आँखों के आगे धुंधला दिखना, कभी-कभी उलटी आना या पेट खराब होना भी इस बीमारी के लक्षण हैं। इस दर्द से प्रभावित व्यक्ति जैसे असहाय हो जाता है और किसी भी कार्य पर ध्यान नहीं दे पाता यहाँ तक की उसकी सामान दिनचर्या भी बाधित हो जाती है । डॉक्टर कई दवाएं लिख देते हैं जिनसे समय पर आराम तो मिल जाता है पर जड़ से ये बीमारी ख़त्म नहीं हो पाती। अगर थोड़ा धैर्य रख कर हम अपनी जीवन शैली पर ध्यान देते हुए कुछ प्राकृतिक इलाज करें तो संभव है की ये दर्द जड़ से जा सकता है।
सबसे पहले तो अपने खान-पान पर ध्यान दें। ज़्यादा देर तक भूखा रहने या किसी समय का खाना छोड़ने की आदत को तुरंत त्याग दें। समय पर सुबह का नाश्ता करें और चाय-कॉफ़ी के बजाये कुछ पौष्टिक, जैसे फल, थोड़े-थोड़े समय पर खाते रहें ताकि ज़्यादा देर तक भूखे न रह जाएं। देर तक भूखा रहने की ये आदत लम्बे समय में बहुत हानिकारक साबित होती है और कई बड़ी बीमारियों जैसे ब्लड-प्रेशर और डायबिटीज़ को भी जन्म देती है।
(आधासीसी या माइग्रेन ) उपाय:
गाय का ताज़ा घी सुबह-शाम दो-चार बूँद नाक में रुई से टपकाने या सूंघते रहने से आधे सर का दर्द जड़ से ख़त्म होने लगता है। साथ ही इससे नाक से खून आने की समस्या से भी आराम मिल जाता है। सात दिन तक ये उपाय करने के बाद असर दिखना शुरू हो जाएगा।
सर के जिस तरफ के भाग में दर्द हो उस तरफ के नथुने (नाक का छेद ) में 7-8 बूँद सरसों का तेल डालने या सूंघने से दर्द एक दम बंद हो जाता है। 4-5 दिन तक, दिन में 2-3 बार इसी तरह सूंघने से दर्द हमेशा के लिए मिट जाता है।
हस्त-मुद्रा का योग भी कई लोगों का मानना है कि माइग्रेन में आराम देह साबित होता है। ऊपर की तस्वीर में दिखाई गई हस्त मुद्रा को दोनों हाथों से, योग/व्यायाम में शामिल करके, नियमतः करके देखिये । पीड़ादायक माइग्रेन समय पर सिर्फ़ दवा न खाकर बल्कि जड़ से नष्ट करने का प्रयास कीजिये।
अपने आप से आज अपने शरीर को प्रेम, धैर्य और प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखने का वचन लीजिये। आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब दर्द ठीक हो जाएगा और दर्द के वो दिन एक पुराना किस्सा बन के रह जाएंगे। ये मैं स्वयं अपने अनुभव से कह रही हूँ। प्रयास कीजिये, प्राकृतिक इलाज है, कोई साइड-इफ़ेक्ट भी नहीं होगा और अगर काम कर गया तो आप बाकी का जीवन दवाएं खाने से भी बच जाएंगे।
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